भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को लेनदेन के मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने एक नोटिस हाल ही में जारी कर दिया गया है। 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान यह मामला सामने आया था कि धोनी ने अपने 150 करोड़ ब्रांड एंबेसडर के फीस के तौर पर मांग की है । इस मामले में आम्रपाली ग्रुप से फ्लैट खरीदने वालों ने ग्राहको ने भी तत्काल अपना पैसा वापस करने की मांग किया है ।
आइये जाने पूरा मामला
फ्लैट बायर्स का मानना है कि ग्रुप अगर इतना पैसा धोनी को दे दिया तो फ्लैट नहीं मिल न पाएगा। क्यों कि आम्रपाली ग्रुप के पास अभी फिलहाल फंड की कमी है । आम्रपाली ग्रुप पर आरोप है कि उसने समय सीमा बीतने और कीमत लेने के बाद भी फ्लैट की पजेशन नहीं दी है। इसके बाद पता चला कि फ्लैट बनकर तैयार ही नहीं हो पाए हैं। इसी कारण से ग्रुप के साथ धोनी के पास भी नोटिस भेजा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने भेजा धोनी को नोटिस
साल 2016 में धोनी आम्रपाली ग्रुप के साथ ब्रांड अंबेसडर के तौर पर जुड़े थे। धोनी इस ग्रुप के लिए बहुत से विज्ञापन भी किए थे । आम्रपाली ग्रुप पर आरोप लगा कि पैसे लेने बावजूद ग्राहकों फ्लेट उपलब्ध नहीं करा पाये इससे लोगों में काफी गुस्सा देखा गया । बाद मे यह मामला अदालत तक पहुंच गया था वहीं धोनी के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर लोगो का गुस्सा फूट पड़ा । लोगो का गुस्सा देख धोनी ने आम्रपाली ग्रुप से किनारा कर लिया । ग्राहकों और आम्रपाली ग्रुप के बीच का यह विवाद कोर्ट में चले जाने के बाद धोनी ने भी आम्रपाली ग्रुप से अपने 150 करोड़ ब्रांड एंबेसडर के फीस के तौर पर बकाया होने की बात रखी।
महेंद्र सिंह धोनी और आम्रपालि ग्रुप का यह मामला पहले हाईकोर्ट में था। विवाद को खत्म करने के लिए हाईकोर्ट मे टीम गठित किया गया था । पीड़ितों का तर्क था कि धोनी बतौर एंबेसडर अपने 150 करोड़ रुपये मांग रहे हैं जबकि दिवालिया हो चुका आम्रपाली ग्रुप अगर यह रकम चुकाता है तो बचे हुए फ्लैट पूरे नहीं हो सकेंगे. कोर्ट ने पीड़ितों के पक्ष को वाजिब मानते हुए याचिका स्वीकार कर ली थी. इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में रिटायर्ड जस्टिस वीणा बीरबल की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी का उद्देश्य आम्रपाली ग्रुप और ग्राहकों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाना था।