“सहवाग की तरह मुझे भी मिला होता सपोर्ट तो आज मै भी सफल ओपनर होता” इस दिग्गज खिलाड़ी का छलका दर्द

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भारतीय टीम के इस खिलाड़ी ने बताया अपनी असफलता होने का कारण, कहां अगर वीरेंद्र सहवाग की तरह मुझे भी मिलता सपोर्ट तो आज मैं भी एक सफल बल्लेबाज होता

भारतीय टीम के टेस्ट क्रिकेट में कई ओपनर खिलाड़ी आए और गए । लेकिन कुछ ओपनर बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी से पूरी दुनिया में एक गहरी छाप छोड़ जाते हैं। इनमें से एक भारतीय खिलाड़ी का नाम जिन्होंने टेस्ट फॉर्मेट में ओपनिंग बल्लेबाजी करते हुए अपने करियर की शुरुआत वीरेंद्र सहवाग के साथ ओपनिंग करते हुए किया था। लेकिन इसके बाद इस खिलाड़ी को दूसरे खिलाड़ियों के साथ ओपनिंग करना पड़ा। हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं वह और कोई नहीं बल्कि मुरली विजय हैं।

मुरली विजय सन दो हजार अट्ठारह से ही भारतीय टीम से बाहर हो गए हैं, इसके बाद से उनको भारत में वापसी करने का कोई भी चांस नहीं बचा है। हाल ही में उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है आइए जानते हैं क्या कहा मुरली विजय ने।

 

वीरेंद्र सहवाग जैसा फ्रीडम नहीं मिला मुरली विजय को

मुरली विजय ने भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग के साथ अपनी तुलना करते हुए कहा कि,,

वीरेंद्र सहवाग को अपने जीवन में जो कुछ भी मिला, वह मैंने नहीं पाया। अगर मुझे उस तरह का समर्थन और खुली चर्चा मिल सकती थी, तो मैं भी कोशिश कर सकता था। ईमानदार की बात यह है कि बिना टीम के समर्थन आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टीम में कैसे योगदान दे सकते हैं। यह एक उच्च स्तरीय प्रतियोगिता है और आपके पास अलग-अलग तरीकों से प्रयोग करने के अधिक मौके नहीं हैं।”

वीरेंद्र सहवाग की करी भरपूर तारीफ

मुरली विजय ने आगे कहा कि,,

आपको लगातार बने रहना है, इसलिए आपके पास एक पैकेज के रूप में सब कुछ है और आप टीम की मांग के अनुसार खुद को कैसे ढालने जा रहे हैं। जब सहवाग थे, तो मुझे लगा कि अपनी प्रवृत्ति को नियंत्रित करना और खेलना कठिन था लेकिन देखने के लिए उस तरह की आजादी से गुजरना कुछ शानदार था।

मुरली विजय ने सहवाग की तारीफ करते हुए कहा कि,,

“केवल वह ही ऐसा कर सकता था। मुझे लगता है कि सहवाग की तरह कोई और नहीं खेल सकता था। उसने भारतीय क्रिकेट के लिए जो किया वह अद्भुत था। अलग… वह कुछ और है जिसे मैंने नेत्रहीन देखा है। मुझे उसके साथ बातचीत करने का सौभाग्य मिला। यह बहुत सरल था। इसके बाद मुरली विजय ने कहां की,उन्होंने अपना मंत्र इतना सरल रखा एक गेंद को देखें और हिट करें। वह उस मूड में रहते थै, जो 145-150 किलोमीटर प्रति घंटे की गति वाले गेंदबाजों के लिए गाना गा रहे थे। आप कुछ और अनुभव कर रहे हैं, यह सामान्य नहीं है।

 

कैसा है मुरली विजय का क्रिकेट करियर

मुरली विजय ने भारतीय टीम के लिए कुल 61 टेस्ट मैच खेला है जिनमें से 38.39 की औसत से 3982 रन बनाया है। जिस दौरान उनके बल्ले से 15 शतक और 12 अर्धशतक भी शामिल है। इसी कारण से मुरली विजय ने अपने अंदर का दुख सभी को बताते हुए जाहिर किया है।

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