वर्तमान समय में टीम इंडिया के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा काउंटी क्रिकेट में खेलते हुए नजर आ रहे हैं। इन्होंने रॉयल लंदन वन-डे कप में ससेक्स के लिए 9 मैचों में 624 रन बनाए हैं। तथा इसके पीछे किसका हाथ है मैच के बाद, चेतेश्वर पुजारा लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा है कि, आईपीएल 2021 में वह चेन्नई सुपर किंग्स के हिस्सा थे, टीम इस सत्र में विजेता बनी, लेकिन इन्हें एक भी मैच खेलने को नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने खेल के छोटे प्रारूपों में अपने बल्लेबाजी दृष्टिकोण में बदलाव लाने का मन बना लिया। यही कारण है कि उन्होंने काउंटी क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया।
बता दें कि रॉयल लंदन वनडे कप में, पुजारा ने 107, 174, 49*, 66 और 132 के स्कोर के साथ तीन शतक और एक अर्धशतक लगाया। उन्होंने उसी क्लब के लिए काउंटी चैम्पियनशिप डिवीजन टू में 1094 रन बनाए। पुजारा को इस साल की शुरुआत में खराब फॉर्म के कारण इंडियन टेस्ट से बाहर कर दिया गया था। लेकिन इन्होंने चयनकर्ताओं को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
क्रिकेट पॉडकास्ट से बात करते हुए पुजारा कहते हैं कि, “यह निश्चित रूप से मेरे खेल का एक अलग पक्ष है। पिच अच्छी थीं। थोड़ी सपाट थीं, लेकिन उन सतहों पर भी आपको हाई स्ट्राइक-रेट पर स्कोर करने के लिए इंटेंट होना चाहिए। यह एक ऐसी चीज है जिस पर मैंने हमेशा काम किया है।”
पुजारा ने आगे कहा, “मैं एक साल पहले सीएसके का हिस्सा था और जब मैंने कोई मैच नहीं खेला और साथी खिलाड़ियों को तैयारी करते देखा, तो मैंने मन बना लिया कि मैं छोटे प्रारूप में खेलना चाहता हूं। मैं हमेशा अपने विकेट का मूल्य समझता था, लेकिन छोटे प्रारूपों में, आपको अपने शॉट खेलना ही होता है।”
पुजारा ने यह भी कहा, “मैंने रॉयल लंदन वन-डे कप से पहले इस पर काम किया था। मैं ग्रांट फ्लावर से बात की कि कुछ शॉट हैं जिन पर मैं काम करना चाहता हूं। जब हम ट्रेनिंग कर रहे थे, तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उन पर बहुत अच्छा अमल कर रहा हूं और इससे मुझे आत्मविश्वास मिला। मैंने सोचा कि अगर मैं कुछ लॉफ्टेड शॉट्स पर काम करता रहूं तो उससे मुझे मदद मिल सकती है और अगर मैं उन पर अमल कर सकता हूं, तो मैं छोटे प्रारूपों में भी सफल हो सकता हूं। ”