जैसा कि हम सब जानते हैं आईपीएल आज के दुनिया की सबसे महंगी और सबसे अधिक पसंद किए जाने वाली क्रिकेट लीग बन चुकी है। इस आईपीएल टूर्नामेंट में दुनिया के सभी देशों के खिलाड़ी खेलना पसंद करते हैं। क्योंकि इस क्रिकेट लीग में काफी ज्यादा पैसों की बारिश खिलाड़ियों पर करी जाती है। वही आज कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने आईपीएल में खेलकर अपना नाम पूरी दुनिया में मशहूर किया है। IPL टूर्नामेंट शुरू होने से पहले मेघा ऑक्शन भी करवाती है, जिनमें खिलाड़ियों पर बोली लगाते हुए सभी फ्रेंचाइजी करोड़ों रुपए खर्च करती है। ऐसे में हम सभी अनजान हैं कि आखिर आईपीएल में इतने सारे पैसे जो खर्च कर दिए जाते हैं वह पैसा कहां से आता है? जो भी फ्रेंचाइजी टीम खिलाड़ियों पर करोड़ों रुपए खर्च कर देती है और मालिकों द्वारा जो कुछ भी पैसे लगाए जाते हैं उसका पूरा सच क्या है और बीसीसीआई इसमें कौन सा बिजनेस मॉडल अपनाती है जिससे आईपीएल हमेशा फायदे में ही रहती है। आइए जानते हैं आईपीएल टूर्नामेंट के बिलियन डॉलर बिजनेस मॉडल के बारे में।
ऐसे होती है आईपीएल के टीम के मालिकों की मोटी कमाई
आपको बता दें कि आईपीएल में इनकम आने के कई सारे रास्ते होते हैं। आईपीएल एक ऐसा टूर्नामेंट जो कदम कदम पर हर एक तरह के माध्यम से पैसे बनाता रहता है। वही आपको बताया नहीं किस सेंट्रल रिवेन्यू ही कमाई का सबसे बड़ा आईपीएल के लिए मेन इनकम माना जाता है। इसमें दो चीजें शामिल होती हैं जिनमें से पहला मीडिया राइट्स और दूसरा टाइटल स्पॉन्सर राइट्स होता है। इन दोनों चीजों के माध्यम से बीसीसीआई और आईपीएल फ्रेंचाइजी अपने प्रॉफिट का 70% मुनाफा कमाती है।
आपको बता दें कि यह कमाई इतनी होती है जिसे सुनने के बाद आप सभी हैरान हो जाएंगे। आईपीएल टीवी पर लाइव दिखाए जाते हैं, जो कि सैटेलाइट टीवी चैनल द्वारा कई हजारों करोड़ रुपए खर्च करके मीडिया राइट्स चैनल्स को खरीदते हैं। इससे होने वाली मोटी कमाई का आधा हिस्सा बीसीसीआई अपने पास रखता है और आधा हिस्सा सभी आईपीएल फ्रेंचाइजी टीम के मालिकों को बांट दिया जाता है।
स्टार स्पोर्ट्स के पास है IPL दिखाने की मीडिया राइट्स
आपको बता दें कि साल 2008 की आईपीएल की शुरुआत जब करी गई थी उस सीजन के पहले दौरान हैं सोनी टीवी चैनल्स ने अगले 10 साल के लिए टूर्नामेंट को अपने टीवी राइट्स पर लाइव दिखाने के लिए कई हजारों करोड रुपए में खरीद लिया था। वही इसके बाद घाटे में चल रहे सेट मैक्स के लिए यह बहुत बड़ा फायदेमंद साबित हुआ था जो कि सोनी ने इसे तब 8200 करोड रुपए में खरीदा था। वही फिर इसके बाद साल 2018 से साल 2023 तक आईपीएल लाइव दिखाने की मीडिया राइट्स स्टार स्पोर्ट्स ने खरीदा हुआ है। इसके अलावा आपको बता दें कि इस साल रिलायंस ग्रुप ने 23000 करोड़ रुपए खर्च करके जिओसिनेमा पर मुफ्त में लोगों को IPL लाइव दिखाया जा रहा है। इसके पीछे का सबसे मुख्य कारण यही है कि रिलायंस ग्रुप हॉटस्टार और अमेजॉन प्राइम वीडियो को पीछे करके अपने जिओसिनेमा के लोकप्रियता बढ़ाना चाह रही है।
एडवर्टाइजमेंट से भी IPL को आते हैं करोड़ों रुपए
आपको बता दें कि आईपीएल के स्पॉन्सरशिप में जो भी कंपनी एडवर्टाइजमेंट के लिए सबसे अधिक बोली लगाती है उसको आईपीएल स्पॉन्सर मिल जाता है। वही आपको बता दे की कंपनियों को इसे खरीदने के लिए कई हजारों करोड़ रुपए खर्च करना पड़ता है। इसमें जो भी कंपनी सबसे अधिक बोली लगाती है उसे टाइटल स्पॉन्सरशिप मिल जाती है। यानी कि जैसे जब आईपीएल शुरुआत हुई थी तब डीएलएफ आईपीएल थी, फिर इसके बाद पेप्सी आईपीएल हुई, वही फिर विवो ने आईपीएल स्पॉन्सर को खरीदा, इसके बाद dream11 ने और अब टाटा ग्रुप ने 670 करोड रुपए खर्च करके केवल 2 सीजन के लिए आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर को खरीदा हुआ है। वही इसके अलावा बीसीसीआई साल 2022_23 में कुल 1124 करोड़ रुपए की कमाई करेगी जहां आधा पैसा बीसीसीआई अपने पास रखेगी और आधा आईपीएल फ्रेंचाइजी टीम को दे दी जाएगी।
इसके अलावा आपको बता दें कि मैच में जब कोई एक ओवर खत्म हो जाता है तो थोड़ी देर का ब्रेक होता है जिसमें टीवी चैनल्स पर काफी सारे एडवर्टाइजमेंट दिखाए जाते हैं। वही इस विज्ञापन को दिखाने के लिए भी कई सारे ब्रांड इसमें भी करोड़ों रुपए खर्च करते हैं। वही मैच के दौरान चलने वाले इस विज्ञापन से भी बीसीसीआई को 20% कमाई होती है। वही इसके बाद जो भी आईपीएल फ्रेंचाइजी टीम के जर्सी पर काफी सारे प्रोडक्ट और ब्रांड के लोगों बने हुए होते हैं, उस पर भी कंपनियां काफी रुपए खर्च करके अपनी आईपीएल फ्रेंचाइजी टीम के जर्सी पर अपने प्रोडक्ट का लोगो और नाम छपवाती है। इसके बाद आईपीएल का 10% कमाई का हिस्सा मैदान में लोगों के द्वारा खरीदे गए टिकट से भी आता है। यही कारण है आईपीएल टूर्नामेंट में बिलियन डॉलर बिजनेस बनाने का मेथड।