हर एक क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी का यह सपना होता है कि वह अपने देश के लिए क्रिकेटर बन सके। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिनका यह सपना पूरा नहीं हो पाता है। वर्तमान समय में भी कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका संबंध भारत से है लेकिन किसी ना किसी कारण से वह दूसरे देश के तरफ से क्रिकेट खेलते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे ही आपको इस लेख में बताने वाले हैं एक क्रिकेटर के बारे में जिसका संबंध तो पूरा भारत देश से ही था लेकिन उन्होंने बाद में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भारत के लिए नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया टीम की तरफ से खेलते हुए कई बड़े मुकाबले में विजय हासिल करआया है। आइए जानते हैं उस खिलाड़ी के बारे में।
ऑस्ट्रेलिया के इस दिग्गज क्रिकेटर का भारत से था काफी गहरा संबंध
ऑस्ट्रेलिया टीम की तरफ से खेल चुके स्टुअर्ट क्लार्क का संबंध भारत देश से था। आपको बता दें कि स्टुअर्ट क्लार्क का जन्म 28 सितंबर सन 1975 सदरलैंड न्यू साउथ वेल्स ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। उनके पिता का नाम ब्रूस क्लार्क था और वह एक एंग्लो इंडियन और भारत के राज्य तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से काफी गहरा संबंध रखते थे और उनकी माता भारत देश के ही कर्नाटका राज्य से काफी गहरा संबंध रखती थी। लेकिन आपको बता दें कि स्टुअर्ट क्लार्क के जन्म के बहुत पहले ही उनके परिवार वाले ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो चुके थे।
ऑस्ट्रेलिया के लिए साल 2006 से लेकर साल 2009 तक खेले हुए हैं
आपको बता दें कि स्टुअर्ट क्लार्क अगर भारत में होते हैं तो शायद भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से खेलते हुए वह और भी बड़ा नाम कमाते हैं लेकिन उनके परिवार वाले ऑस्ट्रेलिया में शिफ्ट हो चुके थे जिसके कारण उन्होंने अपने क्रिकेट का शुरुआत ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम की तरफ से ही किया और काफी देर से मौका मिलने के बाद उन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर मात्र 3 साल ही खेल पाए।
कैसा था स्टुअर्ट क्लार्क का करियर
स्टुअर्ट क्लार्क ने ऑस्ट्रेलिया टीम के लिए 24 टेस्ट मैच और 39 वनडे मैच खेला है। जिनमें से इन्होंने टेस्ट मुकाबले में 53 विकेट अपने नाम किए हैं। वहीं आपको बता दे की साल 2007 में रिकी पोंटिंग की कप्तानी के अंडर में वनडे विश्व कप जिताने वाले टीम के सदस्य भी रहे थे। वही आपको बता दें की इनकी गेंदबाजी सरफराज नवाज के गेंदबाजी के एक्शन से काफी ज्यादा मैच खाती थी। जिसके कारण से इनका निकनेम सरफराज भी रखा गया था। उनके सभी साथी खिलाड़ी उनको इसी नाम से बुलाते थे।