इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच आज तीसरा व निर्णायक वनडे मैच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला जा रहा है । इसके पहले रांची में खेले गए दूसरे वनडे मैच में भारतीय टीम ने पलटवार करते हुए साउथ अफ्रीका पर 7 विकेट से जीत दर्ज कर दिया था । दूसरे वन डे मैच मे मिली जीत के यह सीरीज भी 1-1 से बराबर हो गयी । इस मैच मे भारत की ओर से आल राउंडर शाहबाज अहमद ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले भारत के 247वें खिलाड़ी बन गए ।
एक साधारण परिवार से संबंध रखते है शाहबाज
शाहबाज अहमद अपने डेब्यू मैच में बल्लेबाजी तो नहीं कर पाए लेकिन अपनी गेंदबाजी से हर किसी को प्रभावित किया। अपने पहले ही मैच में शाहबाज ने 1 विकेट लेकर के इंटरनेशन क्रिकेट में शानदार शुरुआत किया। भारतीय टीम में सिलेक्ट होने का शाहबाज का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा। एक साधारण परिवार से संबंध रखने वाले शाहबाज को उनके पिता ने क्रिकेट को लेकर एक अल्टीमेटम भी दिया था। उनके पिता ने चेतावनी देते हुए कहा था कि क्रिकेट में कुछ बड़ा करके दिखाना होगा या तो फिर घर मे वापस मत आना ।
शाहबाज के पिता अहमद जान और मां अबनाम ने एक इंटरव्यू मे बताया कि “उन्होंने कुछ बड़ा करने की ठानी। यहां तक कि उनके कॉलेज के प्रोफेसरों ने भी उन्हें बताया कि यह (इंजीनियरिंग छोड़ना) एक गलती थी, क्योंकि वह एक अच्छे छात्र थे। शाहबाज ने अपने विभागाध्यक्ष से कहा था कि ‘एक दिन तुम मुझे मेरी डिग्री दोगे और मेरा सत्कार भी करोगे।’
शाहबाज के पिता ने दिया चेतावनी ” कुछ करके आना, वर्ना मत आना वापिस”
शाहबाज के पिता ने बताया कि , “शाहबाज खाना बनाना नहीं जानता था, इसलिए उसका काम बर्तन साफ करना था। मैंने उससे उस दिन कहा कुछ करके आना, वर्ना मत आना वापिस।”शाहबाज को क्रिकेटर बनाने के लिए पार्थ प्रतिम चौधरी ने उनको मेमोरियल क्लब में शामिल होने में मदद की थी. इस बात कोलेकर शाहबाज की मां अबनाम ने कहा, “पार्थ सर अल्लाह के भेजे हुए फरिश्ते है. आज के वक्त में कौन किसी अनजान को अपने घर में रखता है, उन्होंने शाहबाज को अपने बेटे की तरह रखा, उन्हें जितनी दुआ दूं वो कम है.”