टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बेस्टफ्रेंड विनोद कांबली के आर्थिक हालात ठीक नज़र नहीं आ रहे हैं। विनोद कांबली अपनी आर्थिक तंगी के कारण क्रिकेट से जुड़ा कोई भी काम खोजने निकले हैं।एक रिपोर्ट के अनुसार खबर यह है कि करीब 50 वर्ष के कांबली को पहचान पाना अब बहुत ही मुश्किल लगता है। मंगलवार को जब मुंबई क्रिकेट एसोसीएशन के कॉफी शॉप में दिखाई दिये तो सफेद दाढ़ी और काफी दुबले-पतले नजर आ रहे थे। उनके गले की गोल्ड चेन, हाथ का ब्रेसलेट और बड़ी सी घड़ी सबकुछ गायब था। यहां तक कि उनके मोबाईल फोन की स्क्रीन भी टूटी हुई थी।
परिवार की देखभाल के लिए नौकरी की तलाश मे है विनोद कांबली
आर्थिक तंगी के बारे में बात करते हुए कांबली ने बताया कि “मैं वर्तमान मे एक रिटायर क्रिकेटर हूं और केवल बीसीसीआई द्वारा दी जा रही पेंशन पर निर्भर हूं। मेरी इनकम केवल मेरा पेंशन ही है और मैं इसके लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड का आभारी हूं। फिलहाल अभी मुझे काम चाहिए, जिससे कि मैं युवा क्रिकेटरों की मदद कर सकूं। मैंने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) से कई बार कहा है कि अगर आपको मेरी जरूरत है तो मैं आपके साथ हूं। मेरा परिवार है और मुझे उनकी देखभाल करनी है।”
कांबली ने आगे कहा, ‘सचिन तेंदुलकर सब जानते हैं, लेकिन मुझे उनसे कोई उम्मीद नहीं है, उन्होंने मुझे तेंदुलकर मिडिलसेक्स ग्लोबल एकैडमी का असाइनमेंट दिया था। मैं बहुत खुश था। वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त रहे हैं। वह हमेशा मेरे लिए मौजूद रहे हैं।’
संचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त है विनोद कांबली
आपको बता दें विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर की बचपन की दोस्ती के बारे में मे सभी जानते हैं। दोनों ने मुंबई से साथ मे खेलने की शुरुआत के बाद को टीम इंडिया की ओर से साथ मे खेला , आज जहां सचिन दुनिया के महान बल्लेबाज के जाने जाते है , वहीं विनोद कांबली इंटरनेशनल क्रिकेट में ज्यादा टाइम तक टिक नहीं पाए। सचिन तेंदुलकर का नाम इतना बड़ा हो गया कि उन्हें क्रिकेट का भगवान तक कहा जाने लगा और कांबली गुमनामी के अंधेरे में खो गए
विनोद कांबली ने भारत के लिए 104 वनडे, 17 टेस्ट मैच खेले
विनोद कांबली ने भारत के लिए कुल 104 वनडे मैच, जबकि 17 टेस्ट मैच खेले हैं.उन्होंने भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 3,561 रन बनाए हैं, इनमें चार शतक टेस्ट में और दो शतक वनडे में शामिल हैं. विनोद कांबली ने भारत के लिए 1991 में वनडे डेब्यू किया था, जबकि साल 2000 में उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच खेला था.