लगभग 2 साल बाद प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी करने वाले, भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय ने शुक्रवार की रात को नेल्लाई रॉयल किंग्स के खिलाफ 66 गेंदों में 7 चौके और 12 गगनचुंबी छक्कों की मदद से 121 रनों की विस्फोटक पारी खेली।
भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय को किसी समय में वीरेंद्र सहवाग का उत्तराधिकारी माना जाता था, मगर पिछले 2 साल से यह खिलाड़ी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर है। चयनकर्ता टीम का चयन करते हुए इस टीम में शामिल नहीं करते हैं। साल 2018 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर मुरली विजय को टीम में खेलने का मौका नहीं मिला। और अब यह कयास लगाए जा रहे हैं। कि इनका अंतरराष्ट्रीय कैरियर अब लगभग समाप्त हो चुका है। लेकिन मुरली विजय आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की, कप्तानी वाली महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में टीम की तरफ से कभी-कभी खेलते हुए दिखाई देते हैं। लेकिन एक बार फिर टीएनपीएल में उन्होंने शतक ठोक कर चयनकर्ताओं को उनके नाम पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।
लगभग 2 साल बाद वापसी करने वाले टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय ने शुक्रवार की रात नेल्लाई रॉयल किंग्स के खिलाफ 66 गेंदों में सात चौकों तथा 12 छक्कों की मदद से 121 रनों की तूफानी पारी खेली, लेकिन मुरली विजय द्वारा 121 रनों की पारी टीम की हार ना टाल सकी।
नेल्लाई रॉयल किंग्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 236 रनों का विशाल का स्कोर खड़ा किया। जिसमें आर संजय यादव ने 103 रनों की तूफानी पारी खेली। और बाबा अपराजित के साथ तीसरे विकेट के लिए 200 रनों की साझेदारी की। 236 रनों के विशाल स्कोर का पीछा करने उतरी रुबी त्रिचय वॉरियर्स की टीम 20 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 170 रन ही बना सकी। और यह मुकाबला 66 रनों से हार गई। 170 रन में से 121 रन अकेले मुरली विजय ने बनाए थे। और कोई भी खिलाड़ी उनका साथ नहीं दे सका। जिससे टीम को एक करारी शिकस्त झेलनी पड़ी।
अपनी 121 रनों की विस्फोटक पारी के दम पर मुरली विजय TNPL के इतिहास में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए। और उन्होंने एक और वर्तमान अपने नाम किया TNPL के इतिहास में सर्वाधिक छक्के लगाने वाले बल्लेबाज मुरली विजय बन गए।
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