फ़ौज की भर्ती में तीन बार फेल, ऑटो ड्राइवर पिता के सदमे को नहीं पाए झेल, अब जाके टीम इंडिया में रखा घातक गेंदबाज ने कदम

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टीम इंडिया इस समय दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज खेल रही है ।आज T20 का अंतिम मुकाबला खत्म होने के बाद वनडे मैच का सीरीज 6 अक्टूबर से खेला जाएगा । वनडे मैचलिए भारतीय टीम का चयन भी कर दिया गया है इस वनडे टीम के लिए शिखर धवन को कप्तान सौंपा गया है और उपकप्तान की जिम्मेदारी से श्रेयश अय्यर को दी गई है । वन डे टीम मे पहले बिहार के तेज गेंदबाज मुकेश कुमार को भी जगह दिया गया है। मुकेश कुमार को दाँये और बाए हाथ दोनों हाथ से स्विंग कराने मे महारत हासिल है।

6 अक्टूबर को खेलते हुए दिखाई दें सकते है मुकेश कुमार

तेज गेंदबाज मुकेश कुमार भारत के लिए पहला मैच 6 अक्टूबर को खेलते हुए दिखाई देंगे, इस घरेलू सीरीज का पहला वनडे मैच में भारत मे 6 , 8 और 11 अक्टूबर को खेला जाएगा। 29 साल के मुकेश कुमार का जन्म बिहार के गोपालगंज जिले में हुआ है उनके पिता कोलकाता में ऑटो ड्राइविंग का काम करते थे। शुरुआती दिनों में मुकेश मोहल्ले के ही बच्चों के साथ क्रिकेट खेला करते थे । गोपालगंज जिले में एक लोकल क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान सात मैचो मे उन्होंने 35 विकेट ले करके सबको चौंका दिया था । इसी मैच के बाद उन्हें अपने जिले के टीम में भी जगह दे दी गई। मुकेश कुमार आईपीएल में दिल्ली कैपिटल के लिए नेट बॉलर का भी कार्य कर चुके हैं।

पिता के देहांत ने मुकेश कुमार अंदर से तोड़ दिया था

गोपालगंज जिले के ककरकुंड के रहने वाले मुकेश ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की,लेकिन फीजिकल में तीन बार फेल हुए। पिछले ही साल मुकेश कुमार के पिता काशीनाथ सिंह का देहांत हो गया था पिता के देहांत बाद वह पूरी तरह से टूटगए थे लेकिन क्रिकेट खेलना जारी रखा था कुछ ही महीने पहले अगस्त में उनका चयन टीम इंडिया के ए टीम में हुआ था । फिलहाल मुकेश इस समय रेट ऑफ इंडिया की तरफ से खेल रहे हैं।मुकेश कुमार के इंडिया टीम में चयन होने की खबर मिलते ही परिजनों में खुशी है. मुकेश कुमार मोहल्ले के बच्चों के साथ गांव में क्रिकेट खेलते थे. अब इंडिया टीम के लिए खेलेंगे.

पिछले साल ही अपने खो चुके पिता को याद कर हुए भावुक

तेज गेंदबाज मुकेश कुमार ने टीम मे चयनित होने के बाद काफी भावुक होकर के अपने पिता को याद किया। उन्होंने पीटीआई से खास बातचीत में कहा,”मुझे इस वक्त अपने पिता काशी नाथ सिंह का चेहरा याद आ रहा है। जब तक मैंने बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी खेला मेरे पिता को नहीं लगता था कि मैं प्रोफेशनली ज्यादा अच्छा कर सकता हूं। उन्हें मेरे ऊपर शक था कि मैं काबिल हूं या नहीं हूं। आज मेरी मां की आंखों में आंसू थे। वो काफी इमोशनल हो गई थीं। हर कोई घर में रो रहा था। ” हाल ही में उन्होंने इंडिया ए के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच विकेट लिए थे।

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