मंगलवार (23 अगस्त) को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मयंक अग्रवाल और रोहन पाटिल ने विस्फोटक शतक बनाए। बेंगलुरु ब्लास्टर्स और गुलबर्गा मिस्टिक्स के बीच हुए मैच मे जिसमें मयंक अग्रवाल के नेतृत्व मे बेंगलुरु ब्लास्टर्स ने 44 रन से जीत हासिल की। इस जीत के साथ ही महाराजा ट्रॉफी के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली टीम बन गई। गुलबर्गा मिस्टिक्स ने गुरुवार को क्वालिफायर 2 में मैसूर वारियर्स का सामना करते हुए फाइनल में जगह बनाई।
मयंक अग्रवाल ने बेंगलुरु ब्लास्टर्स के लिए खेलते हुए गुलबर्गा मिस्टिक्स 61 गेंदों में नौ चौकों और छह छक्कों की मदद से नाबाद 112 रनों की पारी खेली। अग्रवाल के इस तूफ़ानी शतक के बल पर बेंगलुरु ब्लास्टर्स की टीम निर्धारित पूरे 20 ओवरों में 3 विकेट के नुकसान पर 227 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। कप्तान अग्रवाल के अतिरिक्त चेतन ने 45 गेंदों में पांच चौकों और पांच छक्कों की बदौलत 80 रन बनाए।
जवाब में 227 रन के विशाल स्कोर का पीछा करने उतरी गुलबर्गा मिस्टिक्स की टीम 18.2 ओवरों में 183 रनों पर ऑलआउट हो गई। गुलबर्गा के लिए रोहन पाटिल ने तूफानी शतक जड़ा और 49 गेंदों में दस चौकों और सात छक्कों की मदद से 108 रन बनाए। रोहन पाटिल ने 16वें ओवर में टूर्नामेंट का अपना दूसरा शतक बनाया। रोहन पाटिल के अलावा गुलबर्गा मिस्टिक्स टीम का केओआई और बल्लेबाज कुछ नहीं कर पाया। बेंगलुरु ब्लास्टर्स के कसी हुई गेंदबाजी के आगे यहाँ तक कि गुलबर्गा मिस्टिक्स के सात बल्लेबाज दहाईं के आंकड़े तक नहीं पहुंच सके। इस प्रकार से बेंगलुरु ब्लास्टर्स की टीम ने 44 रनों की शानदार जीत के साथ फाइनल में अपनी जगह बना ली है।
संक्षिप्त स्कोर: बेंगलुरु ब्लास्टर्स 227/3 (मयंक अग्रवाल 112 नंबर, एलआर चेतन 80; विध्वथ कावेरप्पा 2/48) bt गुलबर्गा रहस्यवादी 183 18.2 ओवर में (रोहन पाटिल 108, मनोज भांडागे; रोनित मोरे 3/41, जे सुचित 2/29)
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