पूर्व भारतीय खिलाड़ी सुधीर नाइक का 78 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। सुधीर को कुछ समय पहले गिरने के कारण सिर पर चोट लग गई थी और वह मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में कई हफ़्तों से भर्ती थे लेकिन आज उनका निधन हो गया।
सुधीर नाइक ने भारत के लिए टेस्ट फॉर्मेट से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू किया था और बाद में वनडे फॉर्मेट भी खेले। हालाँकि, उनका करियर ज्यादा लम्बा नहीं रहा। उन्होंने 3 टेस्ट और 2 वनडे खेले, जिसमें क्रमशः 141 और 38 रन बनाये। वह भारत के लिए वनडे में सबसे पहला चौका मारने वाले खिलाड़ी भी रहे, जो उन्होंने अपने डेब्यू वनडे में ही जड़ा था।
नाइक मुंबई के पूर्व कप्तान भी थे और उन्होंने 1971 में रणजी ट्रॉफी में टीम का नेतृत्व किया था, जब सुनील गावस्कर और अजीत वाडेकर सहित मुंबई के अधिकांश दिग्गज वेस्टइंडीज के खिलाफ ऐतिहासिक सीरीज जीत में शामिल थे। नाइक लंबे समय तक वानखेड़े स्टेडियम के मुख्य क्यूरेटर भी रहे और उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल के में क्यूरेटर की भूमिका निभाई थी।
नाइक के साथ काम कर चुके बीसीसीआई के पूर्व सीएओ प्रोफेसर रत्नाकर शेट्टी ने कहा,
हैरान और दुखी हूं। उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व करने के अलावा खेल में ऑलराउंड योगदान दिया। उन्होंने मुंबई चयन समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) की प्रबंध समिति का भी हिस्सा थे। वह बहुत ही जानकार क्यूरेटर थे और उनका सबसे बड़ा योगदान वानखेड़े को 2011 वर्ल्ड कप के लिए तैयार करना था जो उन्होंने तब किया था जब हम में से कई ने उम्मीद छोड़ दी थी। उनका नेशनल क्रिकेट क्लब स्थानीय मुंबई लीग में एक चैंपियन टीम है और जहीर खान, नीलेश कुलकर्णी और वसीम जाफर सहित कई भारतीय क्रिकेटरों ने इसके लिए खेला था और दृढ़ता से इसके प्रति वफादार रहे |
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने भी जताया दुख
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने सुधीर नाइक के निधार पर दुख जताया और ट्वीट करते हुए लिखा,
सुधीर नाइक के निधन से मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को गहरा दुख हुआ है। उनकी विरासत हमेशा मुंबई क्रिकेट के इतिहास में अंकित रहेगी